प्रोस्टेट की रामबाण दवा in hindi एलोपैथिक आयुर्वेद होम्योपैथी घरेलू उपाय prostate gland enlargement treatment meaning
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प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने पर आयुर्वेदिक इलाज (Ayurveda treatment of enlargement of prostate gland)
आयुर्वेद से इलाज कराने पर कई तरह की परहेज और सावधानियां करने पड़ते हैं। नियम और डाइट डॉक्टर बताते हैं आयुर्वेदिक दवाइयां प्रोस्टेट बढ़ने पर इस्तेमाल की जाने वालीवर्णादि कश्यम जड़ी बूटी प्रोस्टेट ग्लैंड के बड़े हुए साइज को कम करने में मदद करती है। इसे वरुण पावडर के साथ भी लिया जाता है, जिससे ज्यादा फायदा होता है।
हम घरेलू इलाज के बारे में बात करेंगे। इन घरेलू इलाज को आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।सॉ पाल्मेटो
यह एक तरह की जड़ी बूटी है, जो ताड़ के फल (Fruit of palm tree) से निकलती है। इसे सदियों से बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्लैंड का इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है। लेकिन इसे लेने से कुछ साइड इफेक्ट भी नजर आ सकते हैं, जैसे पेट दर्द और सिर दर्द। रोजाना 320 मिली सॉ पाल्मेटो को दो डोज में बांट कर लिया जा सकता है।
बीटा सीटोस्टेरॉल
इस पौधे में सॉ पाल्मेटो जैसे ही गुण होते है। प्रोस्टेट के बढ़ने पर बीटा सीटोस्टेरॉल के जरिए भी इलाज किया जा सकता है। इसे 6 ग्राम तक की मात्रा में रोजाना लिया जा सकता है।
पाइजेम
पाइजेम अफ्रीकन आलूबुखारे (बेर) में पाया जाता है, यह यूरिन फ्लो और ब्लैडर को खाली करने में मदद करता है। यह डॉक्टर की सलाह के बिना लेना असुरक्षित हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से पूछ कर ही इसे खाएं।
रे ग्रास पॉलेन एक्स्ट्रेक्ट
यह राई और अनाज का चारा होता है, इसके एक्स्ट्रेक्ट लेने से भी प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या नहीं होती।
टमाटर
टमाटर में ग्लाइकोपिन होता है, यह प्रोस्टेट ग्लैंड के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। टमाटर को कच्चा या पका कर खाने से शरीर को लाइकोपीन मिलता है, जिससे प्रोस्टेट ग्लैंड की कोशिकाओं को हेल्दी रहने में मदद मिलती है।
ब्रोकोली
ब्रोकोली में सल्फोराफेन होता है, यह कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करता है और इससे प्रोस्टेट ग्लैंड भी स्वस्थ रहती है।
प्रोस्टेट न बढ़ें, इसके लिए निम्न चीजें न खाएं।
रेड मीट
रेड मीट प्रोस्टेट बढ़ने के रिस्क को तिगुना कर देता है। इसलिए रेड मीट न खाएं।
एल्कोहल
एल्कोहल से यूरिन ज्यादा बनने लगता है। जिन पुरुषों की प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ रही हैं, अगर वे एल्कोहल न लें तो इलाज में फायदा होता है और यह लक्षण दिखाई देना भी बंद हो जाता है।
प्रोस्टेट का एलोपैथिक इलाज (Allopathic treatment of enlargement prostate)प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने का इलाज एलोपैथी दवाइयों के जरिए भी किया जाता है। इसमें कई तरह की दवाइयां दी जाती हैं।
अल्फा ब्लॉकर
अल्फा ब्लॉकर दवाई में निम्न दवाइयों का कॉम्बिनेशन दिया जाता हैं, अल्फुजोसिन, डोक्साजोसिन, टेम्सुलोसिन, सिलोडोसिन। इससे प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ना तो नहीं रूकती लेकिन प्रोस्टेट के आसपास की मसल्स को आराम जरूर देती है।
टाडालाफिल
यह दवाई स्तंभन दोष (erectile dysfunction) का इलाज करने में इस्तेमाल की जाती है, इसके साथ ही बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार कम करती है।
5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर
यह कुछ दवाइयों का कॉम्बिनेशन है, इससे हार्मोन में बदलाव होने के साथ प्रोस्टेट का आकार कम हो जाता है।
एलोपैथी में इन दवाइयों के अलावा भी दूसरे तरीके से इलाज किया जाता हैं। बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्लैंड का इलाज कई तरह की सर्जरी के जरिए भी किया जाता हैं जैसे कि ट्रांसयूरेथल रिसेक्शन ऑफ प्रोस्टेट, प्रोस्टेट में ट्रांसयूरेथल चीरा, ट्रांसयूरेथल माइक्रोवेव थर्मोथेरेपी, ट्रांसयूरेथल नीडल एबलेशन, लेजर थेरेपी, ओपन प्रोस्टेटक्टोमी आदि।
ट्रांसयूरेथल रिसेक्शन ऑफ प्रोस्टेट (Transurethral resection of prostate)
इस सर्जरी से यूरिन से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती है। इसमें रिसेक्टोस्कोप (resectoscope) इंस्ट्रूमेंट को पेनिस के सिरे के जरिए उस ट्यूब में डाल दी जाती है, जो ब्लैडर से यूरिन लेती है। जल्दी-जल्दी यूरिन आना (Frequent urination), यूरिन शुरू करने में दिक्कत, ब्लैडर खाली नहीं होने जैसा महसूस होने जैसे लक्षण दिखाई देने पर यह सर्जरी की जाती है।
प्रोस्टेट में ट्रांसयूरेथल चीरा
इस सर्जरी में ग्लैंड में दो छोटे कट लगा कर लाइट वाली स्कोप को urethra में डाला जाता है। इस सर्जरी से यूरिन करने में आसानी होती है।
ट्रांसयूरेथल नीडल एबलेशन (Trans urethral needle ablation)
इस सर्जरी के जरिए भी प्रोस्टेट के कारण पेशाब में रूकावट की परेशानी को दूर किया जाता है। इसमें रेडियो वेव्स (Radio waves) का इस्तेमाल किया जाता है। रेडियो वेव्स सुई (needles) के जरिए डाली जाती है, जिससे गर्मी होती है और टिशू पर धब्बे पड़ जाते है। इन धब्बों से प्रोस्टेट टिशू सिकुड़ जाता है, जिससे यूरिन करने में आसानी हो जाती है।
लेजर थेरेपी (Laser therapy)
प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने पर लेजर सर्जरी भी की जाती है। एक high energy laser बढ़ती हुई प्रोस्टेट ग्लैंड की टिशू (ऊतक) को खत्म कर देती है। लेजर थेरेपी के दूसरी सर्जरी के मुकाबलें कम साइड इफेक्ट होते हैं। इसमें भी तीन तरह की सर्जरी होती हैं।
फोटो सेलेक्ट वेपराइजेशन ऑफ प्रोस्टेट (Photo select vaporization of prostate)
इसमें एक तरह की लेजर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे फैली हुई प्रोस्टेट ग्लैंड सिकुड़ जाती है।
होल्मियम लेजर एब्लेशन ऑफ प्रोस्टेट (Holmium laser ablation of prostate)
इस सर्जरी में प्रोस्टेट ग्लैंड की बढ़ी हुई कोशिकाओं को हटा दिया जाता है। इसमें लेजर के जरिए यूरिन फ्लो के ब्लॉक को हटा दिया जाता है और दूसरे इंस्ट्रूमेंट से प्रोस्टेट ग्लैंड को छोटा कर दिया जाता है।
होल्मियम लेजर एनुक्लीशन ऑफ प्रोस्टेट (Holmium laser enucleation of prostate)
इस सर्जरी में लेजर के जरिए प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़े हुए हिस्से को हटा दिया जाता है जो urethra को ब्लॉक करती है। यह सर्जरी उन पुरुषों के लिए अच्छा विकल्प हैं, जिनकी प्रोस्टेट ग्लैंड बहुत ज्यादा ही बढ़ी हुई हैं। इसमें गैर जरूरी (useless) हिस्से को छोटे-छोटे टुकड़ो में काट कर अलग कर दिया जाता हैं।
मरीज की देखरेख – ‘Pristyn Care’ के जरिये इलाज कराने पर मरीज के देखरेख की चिंता नहीं करनी होती। हमारे कर्मचारी पर्ची कटवाने से लेकर आपके खाने तक का प्रबंध करते हैं।
प्रशिक्षित डॉक्टर की टीम – प्रोस्टेट ग्लैंड की सर्जरी के लिए ‘Pristyn Care’ में प्रशिक्षित सर्जन की टीम है जिससे सर्जरी की प्रक्रिया में दर्द नहीं होता है और रिकवरी में समय कम लगता है।
एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से करते हैं इलाज – सभी इलाज एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (Advanced Technology) की मदद से किये जाते हैं। जिससे रिकवरी की गारंटी (Guarantee) और भी ज्यादा होती है।